नवीन प्रौघोगिकी से ग्राहकों को लाभान्वित करने के लिए निरंतर कदम उठाये जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, कियोस्क,आदि से हम शीघ्र सुसज्जित होंगे।
शुभकामनाओं सहित,
जगत् जननी मॉ शारदा मैंहर एवं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की तपस्थली चित्रकूट के जिला मुख्यालय सतना में तत्कालीन सहकारी कार्यकर्ताओं एवं समाजसेवियों के सक्रिय प्रयासों से राज्य सरकार एवं भारत सरकार की मंशानुरुप जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, सतना की स्थापना 16 नवम्बर 1959 को हुई थी जिसका पंजीयन क्र. 56 है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकिग लाइसेंस क्रं. ग्राआऋवि. 53/2011-12 दिनांक 01 फरवरी 2012 प्रदान किया गया। स्थापना वर्ष 1959 से लगातार बैंक कृषि एवं ग्रामीण विकास हेतु अपनी 15 शाखाओं, 156 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों एवं अन्य सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीणों एवं कृषकों के सामाजिक आर्थिक विकास के महान लक्ष्य के प्राप्ति हेतु अपनी त्वरित सेवाएं देने हेतु कृत संकल्पित है।
सहकारी बैंकिंग के क्षेत्र में न केवल विंध्य क्षेत्र बल्कि मध्यप्रदेश में भी सतना बैंक का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। आर्थिक प्रगति एवं पूॅजी निर्माण में अमानत संग्रहण के क्षेत्र मे श्रेष्ठ कार्य के लिए 28 अप्रैल 1998 को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा अमानत संग्रहण में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिये परफारमेन्स एवार्ड भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय द्वारा प्रदान किया गया।
बैंक में समय-समय पर निर्वाचित संचालक मंडल द्वारा नीतिगत निर्णय लेकर बेहतर कार्य किये गये। शासन/प्रशासन में तत्कालीन कलेक्टर, श्री के. के. चक्रवर्ती की सोच और सेवाए बैंक की प्रगति एवं भवन निर्माण में एक इतिहास है।
ऋग्वेद संज्ञान सूत्र -
समानो मंत्रः समितिः समानी,
समानो मनः सह चित्त मेषाम्।
अर्थात
हमारे मन, चित्त, बुद्धि एक हो और हम सब साथ मिल प्रगति को प्राप्त करें।
सहकारी भावनाओं के साथ बैंक अनवरत सेवा में तत्पर
जय सहकार